साल 2024 में 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, जिसके लिए जोर-शोर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राम भक्तों में भी इसका अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। भगवान राम हिंदुओं की आस्था के प्रतीक हैं। सनातन धर्म में प्रभु श्रीराम की पूजा आदर्श मानव जीवन के प्रतीक के रूप में की जाती है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। यही वजह है कि आज भी लोग अपने घर में राम जैसा पुत्र चाहते हैं। ऐसे में चलिए आपको भगवान राम के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताते हैं जो आज भी लोगों का सही मार्गदर्शन करती हैं- 1- संयम और धैर्य
कठिन समय में प्रभु श्रीराम ने हर जगह पर संयम, संकल्प, धैर्य और साहस से जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया। विपरीत परिस्थियों में उन्होंने की भी धैर्य और संयम नहीं खोया और न ही उन्होंने कभी क्रोध कोई भी निर्णय नहीं लिया।
2- एक वचन
प्रभु श्रीराम एक वचनी हैं। उन्होंने संपूर्ण जीवन काल में अपने दिए वचन और कर्तव्यों का पालन किया। कहा जाता है भगवान श्रीराम ने अपने वचन का पालन करते हुए अपने प्राण से प्रिय भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड का आदेश दे दिया था।
3- एक पत्नी
प्रभु श्रीराम माता सीता से अपार प्रेम करते थे। प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में सिर्फ एक ही महिला से प्रेम और विवाह किया। उन्होंने कभी भी दूसरी महिला के बारे में सोचा तक नहीं।
4- शाकाहारी
वनवास के दौरान उन्होंने कंद-मूल खाकर अपने जीवन के 14 वर्ष बिता दिए, लेकिन जंगल में रहकर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता ने कभी भी तामसिक या राजसिक भोजन को ग्रहण नहीं किया। यहां तक कि एक दिन और रात उन्होंने शबरी के बेर खाकर ही गुजारी थी।
5- तपस्वी सा जीवन
भगवान राम ने जब वनवास धारण किया तब उन्होंने अपने सभी राजसी वस्त्र त्याग दिए और तपस्वियों के वस्त्र धारण करके वन को निकल गए। रास्ते में उन्हें जब जो मिला वह खा लिया और सो गए।
6- हमेशा योजनाएं बना कर चलते थे
प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन का हर कार्य एक योजना बना कर किया। सीता माता को वापस लाने के लिए पुल बनाना आसान कार्य नहीं था, लेकिन तीन दिन की खोजबीन के बाद श्रीराम ने रामेश्वरम के आगे समुद्र में वह स्थान ढूंढ़ निकाला, जहां से आसानी से श्रीलंका पहुंचा जा सकता था। उन्होंने नल और नील की मदद से उक्त स्थान से लंका तक का पुल निर्माण करने का फैसला लिया।7- सेवा और सहयोग
भगवान राम ने अपने जीवन में कई सेवा कार्य किए। वनवास के दौरान उन्होंने आदिवासी और वनवासी लोगों के जीवन को सुधारने का कार्य भी किया। शबरी प्रसंग, केवट प्रसंग और अहिल्या प्रसंग में इस बात की जानकारी मिलती है कि उन्होंने कितने लोगों का उद्धार किया था।
8- सबका सम्मान
प्रभु श्रीराम अपने जीवन में हर किसा का सम्मान करते थे। उन्होंने अपने हर रिश्ते को पूरी शिद्दत के साथ निभाया। यही कारण था कि परिवार का हर सदस्य भी उनसे बेहद प्यार और सम्मान करता था और उनकी पीड़ा पर रो उठता था।