लखनऊ संवाददाता।काला कोट पहनकर अराजकता फैलाने वाले अधिवक्ताओं पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि काले कोट पहने अराजकता फैलाने वाले तत्वों से निपटने के लिए क्या प्रयास किये गए हैं और इसके लिए आगे क्या रणनीति बनायी गई है।
कमिश्नर को इस ब्यौरे के साथ दो दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया गया है। वादी अनिल कुमार खन्ना सहित नौ याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए जस्टिस संगीता चंद्रा एवं जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की पीठ ने कहा है कि वर्ष 2010 में उसके सख्त आदेशों के चलते लखनऊ जिला अदालत परिसर में काले कोट में अराजकता फैलाने वालों पर शिकंजा कसा गया था तब स्थिति सुधर गई थी, किंतु एक बार फिर से वहां काले कोट पहने अराजकतत्वों ने प्रभाव जमा लिया है, जिससे फिर सख्ती से निपटने की जरूरत है।
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को दो दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए उनसे पूछा है कि पिछले आदेशों के अनुपालन में ऐसे काले कोट पहने अराजकता फैलाने वाले तत्वों से निपटने के लिए क्या प्रयास किये गए हैं और उनसे निपटने के लिए आगे क्या रणनीति बनायी गई है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से यह भी कहा है कि उसके सामने सुनवाई के लिए चल रही याचिकाओं में जिन अराजक घटनाओं का जिक्र किया गया है उन पर जांच करके रिपोर्ट दी जाए।
यूपी बार से पूछा, अदालत परिसर के बाहर काला कोट पहनने पर 13 वर्ष में कितनों पर हुई कार्रवाई
हाई कोर्ट ने यूपी बार कौंसिल से पूछा है कि वर्ष 2010 से वर्ष 2023 तक कितने अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही चली, इसका ब्यौरा अगली सुनवाई पर पेश किया जाए। जिन याचिकाओं पर सुनवाई हुई उनमें से एक याचिका पर पिछली सुनवाई में कोर्ट ने काले कोट पहनकर जमीन कब्जाने और दबंगई करने का संज्ञान लेकर यूपी बार कौंसिल को काले कोट को कोर्ट के बाहर पहनने पर रोक लगाने के संबंध में निर्देश जारी करने के लिए कहा था।
इस पर यूपी बार कौंसिल की ओर से कहा गया कि प्रदेश के सभी बार एसोसिएशन को इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं। बार कौंसिल आफ इंडिया रेगुलेशन के अध्याय दो भाग चार में पहले ही कोट बैंड पहनकर किसी सार्वजनिक स्थान पर जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनिक कार्यवाही करने का नियम है। इस पर कोर्ट ने यूपी बार कौंसिल से पूछा कि अब तक इस नियम का उल्लंघन करने वाले कितने अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही की गई है।