उत्तर प्रदेश में अब सभी श्रेणियों की सड़कों का पांच साल बाद नवीनीकरण हो सकेगा। पांच साल की अवधि में सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निर्माण करने वाली फर्म की होगी। इसके लिए उसे सड़क की लागत का 2.5 से 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त भुगतान करना होगा।पीडब्ल्यूडी ने इन बदलावों के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे शीघ्र कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। अभी लागू व्यवस्था में राज्यमार्गों का नवीनीकरण 4, प्रमुख व अन्य जिला मार्गों का 5 और ग्रामीण मार्गों का नवीनीकरण 8 वर्ष बाद किया जाता है। वहीं, राज्य मार्गों, प्रमुख व अन्य जिला मार्गों के लिए दोष निवारण अवधि एक वर्ष और ग्रामीण मार्गों के लिए दो वर्ष लागू है।प्रस्तावित व्यवस्था में कहा गया है कि सभी श्रेणियों की सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए दीर्घकालिक दोष निवारण अवधि को 5 वर्ष किया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार को निश्चित राशि का भुगतान भी होगा।
उच्च श्रेणी के मार्गों यानी राज्य मार्ग, प्रमुख जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग, शहरी मार्ग व बाईपास के मामले में रखरखाव राशि निर्माण लागत की 2.5 प्रतिशत होगी। ग्रामीण मार्गों के मामले में यह लागत की 7.5 प्रतिशत होगी। यह अवधि सड़क का निर्माण पूरा होने पर प्रारंभ मानी जाएगी।