हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को एक सरकारी वकील के दुर्घटना का शिकार होने के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि क्या सरकारी वकीलों को दुर्घटना में तत्काल आर्थिक मदद देने को कोई कोष है? कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर ऐसा कोई कोष है तो दुर्घटना का शिकार हुए सरकारी वकील को इलाज के लिए सरकार आर्थिक मदद मुहैया कराए।न्यायमूर्ति राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता हरि प्रसाद गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया। याची ने कोर्ट को बताया कि लखनऊ पीठ में राज्य विधि अधिकारी नीरज चौरसिया दो दिन पहले सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से चोटिल हो गए हैं। उनका इलाज स्थानीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में चल रहा है।मौजूदा समय में वह बेहोश हैं। इलाज में 50 हजार रोजाना का खर्च आ रहा है, जिसे परिजन पूरा करने की हालत में नहीं हैं। सिर्फ बार एसोसिएशन ने एक लाख रुपये की मदद की है। ऐसे में चोटिल सरकारी अधिवक्ता को समुचित इलाज को आर्थिक सहायता दिलाए जाने का आग्रह किया।
इस पर कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौजूद सरकारी अधिवक्ता को इस आदेश से राज्य सरकार के संबंधित अफसरों को अवगत कराने का निर्देश दिया। साथ ही आदेश की जानकारी महाधिवक्ता को देने को कहा। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या हाईकोर्ट समेत अन्य जगह कार्यरत सरकारी वकीलों के लिए कोई बीमा योजना है।