विधिक संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट में केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) संशोधन अधिनियम 2023 में ऑनलाइन मनी गेम्स पर कर लगाने को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने सुनवाई कर मामले में केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। कहा है कि केंद्र सरकार चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करें।यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने कमल मिश्रा एंड एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता रविकांत और तरुण अग्रवाल ने कहा कि अधिनियम में संशोधन से पहले प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं पर केवल प्लेटफॉर्म शुल्क कर (सेवाकर) ली जाती थी लेकिन नए संशोधन से अब अपने स्किल (कौशल) से राशि ली जा रही है। जो सही नहीं है। क्योंकि, अपने कौशल से जीती गई राशि पर कर नहीं लगाया जा सकता है।
एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस तरह के कर को गलत माना है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि गेम ऑफ स्किल (ऑनलाइन कौशल खेल) को गेम ऑफ चांस (ऑनलाइन मौका खेल) के बराबर नहीं माना जा सकता है। क्योंकि, गेम ऑफ चांस, जो कि एक प्रकार से सट्टा, जुआ या लाटरी से जुड़ा है, उस पर कर लगाया जा सकता है लेकिन कौशल से जुड़े खेलों पर कर लगाना सही नहीं है।