गोरखपुर। जाम व सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए निजी और सरकारी बस स्टैंड को शहर से बाहर करने की तैयारी है। यातायात निदेशालय ने गोरखपुर समेत प्रदेश के 18 जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिख इसकी जानकारी देने के साथ ही 25 दिसंबर तक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पत्र आने के बाद जिले के पुलिस अधिकारियों ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
अधिकारियों ने भ्रमण कर जानी समस्या
यातायात निदेशालय ने आइटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से आच्छादित गोरखपुर समेत प्रदेश के 18 शहरों में सड़क दुर्घटनाएं व जाम की समस्या 50 प्रतिशत कम करने का संकल्प लिया है।
समाधान के लिए मुख्यालय के अधिकारियों ने इन जिलों का भ्रमण किया तो पाया कि शहर के बीचों-बीच स्थित सरकारी व निजी बस स्टैंड की वजह से सबसे ज्यादा जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। बस स्टैंड शहर के बाहर स्थापित करने पर ही इससे निजात पाया जा सकता है।
25 दिसंबर तक अधिकारी भेजें कार्ययोजना
निदेशक यातायात व सड़क सुरक्षा बीडी पाल्सन ने आईटीएमएस से आच्छादित जिलों के पुलिस कमिश्नर/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख निर्देश दिया है कि बस स्टैंड को बाहर करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें, जिसे 25 दिसंबर तक यातायात निदेशालय भेजें।
दुर्घटनाओं को कम करने व जाम से निजात पाने के लिए पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। गोरखपुर में निजी बस स्टैंड बाहर कर दिया गया है। सरकारी बस अड्डे को लेकर एसएसपी व एसपी यातायात संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार करेंगे।
-अखिल कुमार, एडीजी जोन।
इन जिलों में लागू होगी व्यवस्था
यातायात निदेशालय के अधिकारियों ने गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, सहारनपुर, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, शाहजहांपुर, अयोध्या, मथुरा, मेरठ व फिरोजाबाद जिले का भ्रमण किया था। पहले चरण में यहां से निजी व सरकारी बस स्टैंड को शहर से बाहर किया जाएगा।