प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही प्रमुख तीर्थस्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा तीन तीर्थ विकास परिषदों के गठन से संबंधित विधेयकों समेत कुल पांच विधेयकों को बृहस्पतिवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया। इसमें उप्र श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद के साथ ही उप्र श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और उप्र श्री शुक तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2023 शामिल है। इसके अलावा उप्र निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2023 और उप्र राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक को भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।बता दें कि योगी सरकार ने बीते दिनों अयोध्या में हुई कैबिनेट में तीनों तीर्थ विकास परिषदों को गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब इसे कानून जामा पहनाने के लिए सरकार विधेयक लेकर आई थी, जिसे सर्वसम्मति से सदन ने पारित कर दिया। हालांकि सपा समेत अन्य विपक्षी दल इन विधेयकों में कई संशोधन पेश किया और इसमें स्थानीय विधायक व सांसद को भी सदस्य बनाने की मांग करते हुए विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की बात कही, जिसे सरकार के स्पष्टीकरण के बाद अस्वीकार करते हुए सभी विधेयकों को पारित कर दिया गया।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने सदन में कहा कि सरकार तीनों तीर्थ स्थलों की सांस्कृतिक और स्थापत्य संबंधी विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से ही इन तीर्थ विकास परिषदों का गठन करने का फैसला किया है। ये तीर्थ विकास परिषद एक निगमित निकाय होगी। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, पर्यटन मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। परिषद के कार्यपालक उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रदेश सरकार करेगी। इसके सदस्य व सह-संयोजक प्रमुख सचिव पर्यटन होंगे। उन्होंने बताया कि आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन व लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। संबंधित मंडलायुक्त, डीएम समेत मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व नगर आयुक्त पदेन सदस्य होंगे।
इनके अलावा आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन व लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव भी सदस्य होंगे। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद में 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक का दान देने वाले दानदाता को भी परिषद का सदस्य बनाया जा सकेगा। इसमें एक नियोजन तथा विकास समिति भी गठित की जाएगी। परिषद का मुख्यालय अयोध्या में होगा। जबकि शुक तीर्थ विकास परिषद में एक करोड़ का दान देने वाले को भी सदस्य बनाया जा सकेगा। इसी प्रकार श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन से मां पाटेश्वरी धाम के पूरे क्षेत्र में पर्यटन विकास को गति मिलेगी। इस परिषद में भी एक करोड़ रुपये या इससे अधिक का दान देने वालों को तीन वर्ष के लिए इसका सदस्य बनाया जा सकता है।
तीन सरकारी विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता साफ
विधान सभा में गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक भी पारित हो गया। इसे भी सरकार ने गुरुवार को ही सदन में रखा था। इसके तहत तीन और विश्वविद्यालयों के गठन का रास्ता साफ हो गया। इनमें मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर व उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद शामिल हैं।
शाहजहांपुर का वरुण अर्जुन निजी क्षेत्र का होगा 37वां विश्वविद्यालय
विधान सभा में गुरुवार को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक 2023 भी पास हो गया। इसे सरकार ने गुरुवार को ही पेश भी किया था। इसके तहत शाहजहांपुर में वरुण अर्जुन विश्वविद्यालय गठित होगा। यह निजी क्षेत्र का 37वां विश्वविद्यालय होगा। सपा सदस्य अतुल प्रधान ने कहा कि सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। इससे गरीब छात्र शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्यक्ष ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों के खुलने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे और अच्छी शिक्षा छात्रों को मिलेगी।